मध्य प्रदेश में होने वाली सरकारी भर्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। सामान्य प्रशासन मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि जुलाई 2019 के बाद होने वाली सभी भर्तियों में इसे लागू किया जाएगा। चाहे पद इसके पहले के ही क्यों ना हो। इस मामले में सरकार स्थिति स्पष्ट करेगी और नए सिरे से आदेश जारी किए जाएंगे। वहीं मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग को भी 10 प्रतिशत पद आरक्षित करने के संबंध में जो कंफ्यूजन है उसे दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि उद्योगों में स्थानीय युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले, इसके लिए वह कानून लेकर आने वाली है। उसमें सभी प्रकार की व्यवस्थाएं रखी जाएंगी। उन्होंने कहा एमएसएमई पॉलिसी में स्थानीय स्तर पर रोजगार देने में जो आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है उस बारे में लिखवाया जा रहा है।
पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि हमें भी इस बात का दुख है कि लोग बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके लिए समस्त कानूनी पहलुओं को दिखाया जा रहा है, मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। अतः जो भी निर्णय होगा वह सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाए जाने के बाद ही होगा।
जहां तक बात छत्तीसगढ़ द्वारा किए गए पदोन्नति में आरक्षण संबंधी नियम की है तो मध्य प्रदेश की परिस्थिति अलग है। छत्तीसगढ़ ने सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने से पहले ही अपने अलग नियम बना लिए थे, लिहाजा उनके नियम मध्य प्रदेश में लागू नहीं हो सकते हैं। अधिकारियों ने जिस तरीके से इस मामले की पैरवी होनी थी, वह नहीं हुई इस वजह से परेशानी हुई थी। संसदीय कार्य मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि भाजपा का भरोसा कानून व्यवस्था में नहीं है यही वजह है कि उनके नेता कानून तोड़ने की बातें करते हैं। भाजपा की कथनी और करनी में अंतर पहले भी सामने आ चुका है।